India Diplomatic Strike Countering Pakistan Terrorism Post Operation Sindoor India Sends MPs Abroad to Expose.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब पाकिस्तान के आतंकवाद प्रेम पर अब भारत डिप्लोमेसी स्ट्राइक करने जा रहा है. इसके जरिए भारत पूरी दुनिया को पाकिस्तान का असली चेहरा दिखाएगा. मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिएसांसदों के दलों को विदेश भेजने का फैसला किया है. इस बाबत संसदीय कार्य मंत्रालय ने सभी राजनीतिक दलों से बातचीत शुरू कर दी है. संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू सभी पार्टियों के संसदीय दल के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं.सूत्रों के मुताबिक, विदेश जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में करीब 43/45 सांसदों का नाम शामिल होगा.अगले हफ्ते ये प्रतिनिधिमंडल विदेश जाएगा. सांसदों का ये प्रतिनिधिमंडल 22 मई के बाद विदेश दौरे पर जाना शुरू होगा. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक इसमें निम्नलिखित सांसदों के नाम शामिल हैं. रविशंकर प्रसाद मिडिल ईस्ट जाएंगे. जेडीयू सांसद संजय झा जापान जाएंगे.

सांसदपार्टी
प्रेमचंद गुप्ताआरजेडी
संजय झाजेडीयू
रविशंकर प्रसादबीजेपी
विजयंत जय पांडाबीजेपी
अनुराग ठाकुरबीजेपी
बृजलालबीजेपी
तेजस्वी सूर्याबीजेपी
अपराजिता सारंगीबीजेपी
राजीव प्रताप रूडीबीजेपी
डी पुरंदेश्वरीबीजेपी
श्रीकांत शिंदेशिवसेना शिंदे गुट
सुप्रिया सुलेNCP पवार गुट
सस्मितबीजेडी
समिक भट्टाचार्यबीजेपी
मनीष तिवारीकांग्रेस
शशि थरूरकांग्रेस
शशि थरूरकांग्रेस
अमर सिंहकांग्रेस
प्रियंका चतुर्वेदीशिवसेना उद्धव
जॉन ब्रिटाससीपीआई एम
असदुद्दीन ओवैसीएआईएमआईएम

आतंकवाद के खिलाफ भारत एकजुट

बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने हुए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर कड़ा संदेश दिया है. इस निर्णायक कार्रवाई को न सिर्फ जनता का बल्कि विपक्षी दलों का भी पूरा समर्थन मिला. देश में राजनीतिक दलों की विचारधारा भले ही अलग-अलग हो लेकिन जब बात देश की सुरक्षा और आतंक के खिलाफ एकजुटता की आई तो समूचा राजनीतिक नेतृत्व एक सुर में खड़ा नजर आया.

अब भारत की यही राजनीतिक एकता दुनियाभर में दिखाई देने वाली है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने फैसला किया है कि ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को आठ अलग-अलग देशों में भेजा जाएगा. इस प्रयास की अगुवाई संसदीय कार्य मंत्रालय कर रहा है, जो विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर इस योजना को अंतिम रूप दे रहा है.

पहले चरण में 8 ग्रुप बनाए जा रहे हैं

सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में 8 ग्रुप बनाए जा रहे हैं, जिनमें से हर एक ग्रुप अलग-अलग देश का दौरा करेगा. इन ग्रुपों में सभी पार्टियों के सांसदों को शामिल किया जा रहा है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई केवल सरकार की नहीं बल्कि पूरे देश की है.

हर प्रतिनिधिमंडल में करीब आधा दर्जन सांसद शामिल होंगे और सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स इनमें नेतृत्व की भूमिका निभाएंगे. इन सांसदों का मकसद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह स्पष्ट करना होगा कि कैसे पाकिस्तान में पल रहे आतंकी ढांचों ने भारत की संप्रभुता पर हमला किया और उसके जवाब में किस तरह भारत ने संयम और संकल्प के साथ जवाब दिया.

इन आठ प्रतिनिधिमंडलों का लक्ष्य होगा विदेशी सरकारों, थिंक टैंकों, मीडिया संस्थानों और नीति-निर्माताओं को यह बताना कि भारत क्यों और कैसे इस जवाबी कार्रवाई के लिए विवश हुआ. साथ ही यह भी कि भारत किसी देश की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं, बल्कि अपने नागरिकों की रक्षा के लिए खड़ा हुआ.

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